जब आप किसी महिला के पास बात करने के लिठजाते हैं और आप के उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° परिणाम नहीं मिलते, तो इसको असफलता नहीं माननी चाहिà¤
बलà¥à¤•à¥€ इस से सबक सीखनी चाहिà¤.
यह पता करने की कोशिश करे के आपने कà¥à¤¯à¤¾ किया (या नहीं किया) जिसके वजह से यह परिणाम मिले.
- कà¥à¤¯à¤¾ आप ने कà¥à¤› कहा या किया जिससे आप की बेताबी दिखाई दी ?
- कà¥à¤¯à¤¾ आपकी शारीरीक à¤à¤¾à¤·à¤¾ में आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ और खà¥à¤²à¤¾à¤ªà¤£ था…या फिर सहमापण और डर?
- कà¥à¤¯à¤¾ आप बहà¥à¤¤ धीमे सà¥à¤µà¤° मे बोल रहे थे? (अजनबी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जब धीमे सà¥à¤µà¤° में बोलता है तो महिलाओं को अजीब और विचितà¥à¤° सा लगता है…. हमेशा जोर से और सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ से बोलो)
- कà¥à¤¯à¤¾ आप डरे हà¥à¤ लोगों की तरह तेज़ गती से, बिना कोई रूकावट के, बोले ही जा रहे थे?
- कà¥à¤¯à¤¾ आप अधिकतर पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की तरह सूखी बाते कर रहे थे या फिर महिला को à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से संलगà¥à¤¨ कर रहे थे?
- कà¥à¤¯à¤¾ आप उसके जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही करीब खड़े थे? या जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही दूर ?
अगर महिला से सकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नहीं मिलती, तो अधिकतर पà¥à¤°à¥à¤· महिला को दोष देते हैं, उसके सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का निंदा करते हैं.
यह गलत आचार है.
महिला का जो à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ हो, इसका कारण ९९% पà¥à¤°à¥à¤· खà¥à¤¦ होता है.
जो पà¥à¤°à¥à¤· इस बात को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है, उसकी काबिलियत बढती जाती हैं.
जो पà¥à¤°à¥à¤· महिला को दोष देता रहता हैं, उसकी काबिलियत घटती जाती हैं
अगर सकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नहीं मिले तो सोचो, समà¤à¥‹, सबक सीखो और अगला महिला के तरफ बढो
असफलता नाम की कोई चीज़ नहीं होती, सिरà¥à¤« सबक होती हैं